Monday, 20 March 2017

पटना का कॉफ़ी हाउस


आपातकाल और पटना का कॉफ़ी हाउस
  • पटना के डाकबंगला रोड से गुजरते हुए अब यह एक स्वप्न की तारह प्रतीत होता है कि कभी यहाँ एक कॉफ़ी हाउस हुआ करता था ; जो करीब 17 साल तक कई महत्वपूर्ण गतिविधियों का केंद्र बना रहा ।
  • 1971 ई० में तत्कालीन राज्यपाल देवकांत बउआ और तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र के सम्मिलित प्रयासों से यह कॉफ़ी हाउस खुला । यहाँ आने वाले में नेपाल के भूतपूर्व प्रधानमंत्री बीपी कोइराला जैसे क्रांतिकारी,दिनकर जैसे महाकवि,फणीश्वर नाथ रेणु जैसे लेखक तो दूसरी ऒर देश के कोने-कोने से आये हुए समाजवादी क्रन्तिकारी भी थे ।
  • आज लोगों को यह जानकर विस्मय होगा कि राज्यपाल के पद पर रहते हुए भी देवकांत बउआ अपने फुरसत के क्षणों में कॉफ़ी हाउस में आ जमते थें ।
  • इमरजेंसी के दिनों में यह कॉफ़ी हाउस अत्यंत ही महत्वपूर्ण हो गया था. ख़ुफ़िया विभाग के लोग यहाँ दिन भर मंडराया करते थे । एक दिन फणीश्वरनाथ रेणु ने इसी कॉफ़ी हाउस से रिक्शे पर सवार हो इमरजेंसी के विरोध में गांधी मैदान को सभा में जा कर अपना पद्मश्री वापस किया था ।
  • ...तो यह था कॉफ़ी हाउस.यहाँ सभी आते रहें .इसने कभी किसी को आने से नहीं रोका

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